देश में पहली बार व्यवस्थाओं को बदलने का प्रयास हुआ : राजनाथ

नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 24 कैरट सोना बताते हुए कहा कि एक सच्चे नेतृत्वकर्ता की पहचान उसकी सोच और ईमानदारी से होती है और दोनों ही मामलों में मोदी जी ’24 कैरट गोल्डÓहैं। जो व्यक्ति बीस साल तक सरकार का मुखिया रहा हो उस पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा यह अपने आप में बड़ी बात है। इस देश में सरकारें अनेक बार बदली, लेकिन पहली बार देश में व्यवस्थाओं को बदलने का ईमानदारी से प्रयास हो रहा है। इस प्रयास में आप कमियां तो निकाल सकते हैं, मगर मोदीजी की नीयत पर अविश्वास नहीं किया जा सकता।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी संस्था रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधिनी की ओर से ‘प्रदत्तकारी लोकतंत्र सरकार के मुखिया के रूप में नरेंद्र मोदी के दो दशकों की समीक्षाÓ विषय के समापन सत्र को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा आज भारत एक स्वाभिमानी राष्ट्र के रूप में पूरी दुनिया में पहचाना जाता है। मगर हमें इतने से ही संतुष्ट नहीं होना है क्योंकि यह तो अभी एक शुरुआत भर है। हमारा अगला लक्ष्य है देश को 5 ट्रिलियन डॉलर का अर्थव्यवस्था बनाना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने नेतृत्व में भारत में भरोसे का निर्माण कर रहे हैं। भारत अपनी जरूरतों के लिए चीजों का निर्माण करने में पूरी तरह से सक्षम है। हमें अपनी क्षमता पर और अधिक भरोसा करना है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आपने महसूस किया होगा कि स्वतंत्र भारत में राजनीति और राजनेताओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती विश्वसनीयता का संकट रहा है। राजनेताओं के शब्दों और कामों में अंतर के कारण, लोगों का उन पर से विश्वास धीरे-धीरे कम होता गया, लेकिन स्वतंत्र भारत की राजनीति में नरेंद्र मोदी ने इस संकट को एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया और इस पर विजय प्राप्त की।
एक सच्चे नेतृत्वकर्ता की पहचान उसकी क्रेडिबिलिटी से बनती है और वह हमेशा स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करता है कि हमें क्या करना है। राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी गवर्नेंस की स्पीड और स्केल दोनों को अगले लेवल पर लेकर आए हैं। मुझे याद है कि जब उन्होंने देश में कैशलेस ट्रांजक्शन को बढ़ाने की अपील की थी तो लोगों ने तरह-तरह की बातें की थी। आज देश में हर महीने करीब 3.65 बिलियन ट्रांजक्शन डिजिटल माध्यम से हो रहे हैं। भारत जैसे देश में लोकतंत्र की सफलता के लिए आवश्यक है कि यहां की 135 करोड़ जनता में जो लोग गरीब है उन्हें भी मान-सम्मान, स्वाभिमान का जीवन जीने का मौका मिले।
कोरोना का संकट आया तो बहुत सारी आशंकाएं व्यक्त की गई मगर बड़े पैमाने पर काम हुआ और देश में बड़े पैमाने पर क्कक्कश्व किट्स, टेस्ट किट्स, वेंटिलेटर बनाने का काम बहुत कम समय में हुआ। फिर यही चीज ऑक्सीजन सप्लाई के बारे में देखने को मिली। राजनाथ सिंह ने स्वदेशी पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि सौ साल पहले गांधीजी इस देश में स्वदेशी की वकालत कर रहे थे। लगभग साठ साल पहले पंडित दीन दयाल उपाध्याय ‘स्वदेशीÓ की बात कर रहे थे। नब्बे के दशक में भाजपा ने भी इस मुद्दे को बढ़-चढ़ कर उठाया। अब मोदीजी स्वदेशी 4.0Ó लेकर आए हैं।