दबंगों ने दूल्हा बने अनुसूचित जाति के आरक्षक को नहीं चढऩे दी घोड़ी

 दबंगों ने दूल्हा बने अनुसूचित जाति के आरक्षक को नहीं चढऩे दी घोड़ी

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के भगवां थाने के ग्राम कुंडलया में दबंगों ने दूल्हा बने अनुसूचित जाति के आरक्षक (सिपाही) को घोड़ी नहीं चढऩे दिया। जानकारी के अनुसार टीकमगढ़ जिला मुख्यालय में कोतवाली में पदस्थ आरक्षक दयाचंद पुत्र भागीरथ की शादी थी। आरक्षक नौ फरवरी की शाम बारात निकासी (राछ) की रस्म के लिए घोड़ी पर चढक़र गाजे-बाजे केसाथ घर से निकला। गांव के दबंगों ने गाली-गलौच करते हुए उसे रोक लिया। इसके बाद बारात गांव से रवाना हो गई। आरक्षक ने पुलिस और प्रशासन को इस पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। दस फरवरी को जब दूल्हा बारातियों सहित दुल्हन को विदा कराके अपने गांव कुंडलया पहुंचा, तब छतरपुर कलेक्टर संदीप जीआर कई थानों की फोर्स लेकर गांव में पहुंचे। कड़ी सुरक्षा के बीच दूल्हे को फिर से घोड़ी पर बिठाया और गांव में उसकी राछ (बारात) निकल कर अन्य रस्में पूरी कराई गई। कलेक्टर ने दूल्हे को गुलदस्ता भेंट करके शुभकामनाएं दीं। आरक्षक दूल्हा दयाचंद ने बताया कि रात के समय दूल्हा निकासी की रस्म के दौरान गांव के दबंगों ने उसे घोड़ी चढऩे से रोका और डीजे वापस करव दिया था। इस गांव में दलित के घोड़ी पर नहीं चढऩे की परंपरा रही है। एएसपी विक्रम सिंह ने बताया कि एक आरोपित के खिलाफ शांतिभंग करने की धारा में कार्रवाई की गई है।

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