मुंबई टेस्ट से बाहर हुए ईशांत शर्मा-अजिंक्य रहाणे, रविंद्र जडेजा और केन विलियमसन

भारत और न्यूजीलैंड के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा और आखिरी टेस्ट आज से मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शुरू हो रहा है। बारिश के कारण मैदान गीला होने की वजह से इस मैच में टॉस में देरी है। इस बीच, मैच शुरू होने से पहले ही दोनों टीमों को बड़ा झटका लगा है। मेजबान भारत की ओर से तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा, अजिंक्य रहाणे और रविंद्र जडेजा दूसरे टेस्ट से बाहर हो गए हैं। बीसीसीआई ने इसकी जानकारी दी। ये तीनों खिलाड़ी चोट के कारण दूसरे टेस्ट से बाहर हुए हैं। वहीं, न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन भी चोट के कारण मुंबई टेस्ट से बाहर हो गए हैं और उनकी जगह अब टॉम लाथम टीम की कप्तानी करेंगे। बीसीसीआई ने एक बयान में कहा कि तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा को कानपुर में पहले टेस्ट मैच के अंतिम दिन उंगली में चोट लग गई थी और वह मुंबई में दूसरे टेस्ट से बाहर हो गए हैं। बीसीसीआई की मेडिकल टीम उनकी चोट पर नजर रखेगी। ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को कानपुर में पहले टेस्ट मैच के दौरान दाहिने हाथ में चोट लग गई थी। स्कैन कराने के बाद पता चला कि उनके कंधे में सूजन है। उन्हें आराम करने की सलाह दी गई है और इसलिए वह मुंबई में दूसरे टेस्ट से बाहर हो गए हैं। बोर्ड ने कहा कि अजिंक्य रहाणे को पहले टेस्ट मैच के अंतिम दिन क्षेत्ररक्षण के दौरान हैमस्ट्रिंग की चोट लग गई थी। वह पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं, इसलिए उन्हें मुंबई टेस्ट से बाहर होना पड़ा है। बीसीसीआई की मेडिकल टीम उन पर नजर रखेगी। इससे पहले, कीवी टीम को एक झटका लगा। कप्तान केन विलियमसन दूसरे टेस्ट में नहीं खेल रहे हैं और उनकी जगह टॉम लाथम टीम की कप्तानी करेंगे। न्यूजीलैंड के कोच गैरी स्टीड ने ट्विटर पर एक बयान में कहा कि विलियमसन के कोहनी और कंधे में अभी भी चोट है और इस कारण वह दूसरे टेस्ट से बाहर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि विलियमसन की जगह अब टॉस लाथम कीवी टीम की कप्तानी करेंगे। वानखेड़े स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच अबतक दो टेस्ट मुकाबले हुए हैं और दोनों ही मैचों में भारत का पलड़ा भारी रहा है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला मैच 1976 में खेला गया था, जिसमें टीम इंडिया ने 162 रनों से बड़ी जीत दर्ज की थी। वहीं, दूसरा मुकाबला 1988 में हुआ था जिसमें भारतीय टीम ने 132 रनों से जीत अपने नाम की थी। भारतीय टीम ने अब तक वानखेड़े स्टेडियम में कुल 25 मुकाबले खेले हैं, जिसमें 11 मैचों में उसे जीत मिली है जबकि सात में हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा सात मैच ड्रॉ हुए हैं।