मातृभाषा की संभावनाएं विषय को लेकर पांच दिवसीय कार्यशाला आयोजित

पौड़ी। विगत 7 दिसम्बर से11 दिसम्बर तक जिला प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगांव पौड़ी गढ़वाल के सौजन्य से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखण्ड के तत्वावधान में नई शिक्षा नीति 2020अनुशंसा के आलोक में उत्तराखण्ड के प्रारंभिक शिक्षण में मातृभाषा की संभावनाएं विषय को लेकर पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, क्योंकि अपनी दुधबोली में बच्चे सरलता व सहजता से सीखते हैं। कार्यशाला के उद्घघाटन सत्र में बोलते हुए डायट प्राचार्य डा0 महावीर सिंह कलेठा ने बताया कि यह कार्यशाला अजीम प्रेमजी फाउंडेशन श्रीनगर गढ़वाल के सहयोग से पांच दिवसीय कार्यशाला आगामी 11 दिसम्बर 2021 तक चलेगी और इसमें प्रारम्भिक शिक्षा में कार्यरत उन अध्यापकों को शामिल किया गया है जो कि लोकभाषा में बाल साहित्य को रचते हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि एससीईआरटी द्वारा प्रदेश के विभिन्न डायटों को अलग-अलग भाषा में काम करने के लिए चयनित किया गया है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में पौड़ी से गिरीश सुन्द्यिाल, धर्मेन्द्र नेगी, हरीश जुयाल कुटज, रमेश बडोला, यतेन्द्र गौड़ के अलावा जनपद पौड़ी, चमोली, टिहरी व रुद्रप्रयाग के लोकभाषा मर्मज्ञ व साहित्यकार शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के समन्वयक जगमोहन कठैत ने दुधबोली को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने पर हर्ष व्यक्त करते हुए सभी प्रतिभागिता से इस मिशन को सफल बनाने की बात की। उन्होंने बताया कि आयोजन में श्वेता रावत, सरोज डिमरी, अंजना कण्डवाल, संगीता फारसी, राधा मैन्दोली, सुनीता बहुगुणा, नन्दी बहुगुणा, सीमा शर्मा, इंदू पंवार आदि शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं। साथ ही आयोजन में प्रदीप अंथवाल, अशोक काण्डपाल, संगीता डोभाल, कमलेश जोशी, राहुल नेगी मुकेश काला व महेश गिरि सहयोग प्रदान कर रहे हैं।