पीएम नरेंद्र मोदी के सिर पर सजी खास ‘पहाड़ी’ टोपी, का उत्‍तराखण्‍डी कनेक्शन

 पीएम नरेंद्र मोदी के सिर पर सजी खास ‘पहाड़ी’ टोपी, का उत्‍तराखण्‍डी कनेक्शन

मसूरी। 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड की खास ‘पहाड़ी’ टोपी पहने हुए नजर आए। इस खास टोपी में उत्तराखंड का राज्य पुष्प ब्रह्मकमल बना हुआ था। गौरतलब है कि यह खास टोपी मसूरी निवासी समीर शुक्ला द्वारा बनाई गई है। इस बारे में उत्तराखंड को खास पहचान दिलाने वाले सोहम आर्ट एवं हेरिटेज सेंटर मसूरी के संचालक समीर शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि इस टोपी में एक तो ब्रह्मकमल लगा हुआ है, जो उत्तराखंड का राज्य फूल है और यह शुभ चिह्न भी है।
इसके अलावा इसमें चार रंग की एक पट्टी बनी हुई है, जो जीव, प्रकृति, धरती, आसमान के सामन्जस्य के बारे में बताती है। यह टोपी खास लोकल कारीगरों की ओर से बनाई जाती है। वैसे तो इस टोपी में भूटिया रिवर्स का कपड़ा इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अगर नहीं मिलता है तो वूलन के लिए ट्वीड का कपड़ा इस्तेमाल होता है और गर्मी के लिए खादी का कपड़ा इस्तेमाल होता है। समीर शुक्ला अभी क्षेत्रीय कारीगरों की टीम बनाकर ये टोपी बनाने का काम कर रहे हैं, जिससे इस टोपी को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है।इस टोपी में पहले सिलाई का काम होता है और उसके बाद हाथ से इस पर पट्टी आदि का काम होता है।
73 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो टोपी पहनी है वह  टोपी सोहम आर्ट एवं हेरिटेज सेंटर मसूरी की ओर से ही बनाई गई है। इस बारे में संस्था के संचालक समीर शुक्ला बताते हैं कि वो क्षेत्रीय कलाकारों के साथ काम कर रहे हैं और उनकी पत्नी कविता शुक्ला भी उनके साथ काम कर रही हैं। कविता शुक्ला महिलाओं की एक टीम बनाकर इस पर जो हाथ से काम होता है, वो करवाती हैं। वे अभी देश और विदेश में अपनी टोपी भेज रहे हैं और लोग इसे पसंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा इस टोपी को पहनने के बाद इस टोपी को एक अलग पहचान मिलेगी है।
क्या है ब्रह्मकमल
ब्रह्मकमल, उत्तराखंड का राज्य फूल है और इस फूल की कई धार्मिक मान्यताएं हैं। माना जाता है कि भारत में इस फूल की करीब 61 प्रजातियां पाई जाती हैं। जिसमें अधिकतर हिमालयी इलाकों में ही पाई जाती हैं।इसका इस्तेमाल कई देशी नुस्खों में किया जाता है और यहां पूजा में इसका इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही सर्दी के कपड़ों में भी इस फूल को रखा जाता है।
माना जाता है कि इससे सर्दी के कपड़े खराब नहीं होते हैं। ब्रह्मकमल फूल अगस्त के महीने में उगता है और नंदा अष्टमी को लेकर इस फूल का खास महत्व है. ऐसा कहा जाता है कि रामायण में लक्ष्मण के बेहोश होने के बाद इलाज और ठीक होने पर देवताओं ने स्वर्ग से जो फूल बरसाए वे ब्रह्म कमल ही थेे।

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